Golan Heights: गोलान हाइट्स पर क्यों कब्जा नहीं छोड़ना चाहता इजरायल? नेतन्याहू ने झोंक दी सारी ताकत
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Golan Heights: गोलान हाइट्स पर क्यों कब्जा नहीं छोड़ना चाहता इजरायल? नेतन्याहू ने झोंक दी सारी ताकत

Golan Heights News: इजरायल सरकार ने हाल ही में गोलान हाइट्स में बस्तियों को बढ़ाने की योजना को मंजूरी दी है. इस योजना का उद्देश्य इस क्षेत्र में इजरायली आबादी को दोगुना करना है.

Golan Heights: गोलान हाइट्स पर क्यों कब्जा नहीं छोड़ना चाहता इजरायल? नेतन्याहू ने झोंक दी सारी ताकत

Golan Heights News: इजरायल सरकार ने हाल ही में गोलान हाइट्स में बस्तियों को बढ़ाने की योजना को मंजूरी दी है. इस योजना का उद्देश्य इस क्षेत्र में इजरायली आबादी को दोगुना करना है. कैबिनेट ने 10.81 मिलियन डॉलर की इस योजना को सर्वसम्मति से मंजूरी दी. इसमें एक छात्र गांव की स्थापना, नए निवासियों के लिए विकास कार्यक्रम और शिक्षा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की पहल शामिल है.

गोलान हाइट्स इजरायल के लिए महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस योजना पर जोर देते हुए कहा, "गोलान को मजबूत करना इजरायल को मजबूत करना है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल इस क्षेत्र पर कब्जा बनाए रखेगा, इसे समृद्ध करेगा और इसमें बसावट को बढ़ावा देगा.

गोलान हाइट्स का भौगोलिक और रणनीतिक महत्व

गोलान हाइट्स दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में स्थित 1,000 वर्ग मील का पठार है. यह क्षेत्र इजरायल, लेबनान और जॉर्डन की सीमाओं से जुड़ा है. इजरायल ने 1967 के छह दिवसीय युद्ध में इस पर कब्जा कर लिया था. यह युद्ध इजरायल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच लड़ा गया था.

इजरायल और सीरिया के बीच संघर्ष

1973 के अरब-इजरायल युद्ध में सीरिया ने गोलान हाइट्स को वापस पाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा. 1974 में एक युद्धविराम समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में एक बफर जोन बनाया गया. 1981 में इजरायल ने गोलान पर एकतरफा कब्जा कर लिया, लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली.

गोलान हाइट्स में वर्तमान स्थिति

गोलान हाइट्स में वर्तमान में लगभग 55,000 लोग रहते हैं, जिनमें 24,000 ड्रूज़ समुदाय के लोग शामिल हैं. यहां लगभग 30 इजरायली बस्तियां हैं. ड्रूज़ समुदाय के लोग 1967 के युद्ध के बाद भी इस क्षेत्र में बने रहे और खुद को सीरियाई मानते हैं. सीरिया में अस्थिरता के बीच, इजरायल ने गोलान हाइट्स के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी है. उसने सीरिया की सेना की चौकियों और संपत्तियों पर हमले किए हैं. इजरायल का दावा है कि वह इन हमलों के जरिए हथियारों को आतंकवादी समूहों के हाथों में जाने से रोक रहा है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय देशों ने इन कार्रवाइयों की निंदा की है.

गोलान हाइट्स का प्राकृतिक महत्व

यह क्षेत्र उपजाऊ भूमि और जल संसाधनों से समृद्ध है. यह जॉर्डन और हसबानी नदियों को पानी देता है, जो इसे इजरायल और सीरिया दोनों के लिए अहम बनाता है. सीरिया के 13 साल लंबे गृह युद्ध ने इजरायल को गोलान हाइट्स को बफर जोन के रूप में बनाए रखने के लिए प्रेरित किया. यहां से इजरायल को सीरिया की राजधानी दमिश्क और दक्षिणी सीरिया की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है.

क्या है भविष्य की संभावना?

संयुक्त राष्ट्र गोलान हाइट्स को सीरिया का हिस्सा मानता है और इजरायल के कब्जे को अवैध मानता है. लेकिन इजरायल इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए राजनीतिक और सैन्य कदम उठा रहा है. गोलान हाइट्स इजरायल के लिए सिर्फ एक भू-भाग नहीं, बल्कि रणनीतिक, सैन्य और प्राकृतिक संसाधनों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है. इसे लेकर इजरायल और सीरिया के बीच विवाद और अंतरराष्ट्रीय आलोचना जारी है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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